केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक ज़बरदस्त स्कीम लॉन्च की है – प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PM Dhan-Dhaanya Krishi Yojana). इसका ऐलान 2025-26 के केंद्रीय बजट में खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था। इस योजना के तहत देश के 100 ऐसे जिलों को चुना गया है जहां खेती की हालत बहुत अच्छी नहीं है – यानि कम पैदावार, सीमित सिंचाई सुविधा, और किसानों को कर्ज मिलने में दिक्कत।
24,000 करोड़ रुपये सालाना खर्च वाली ये योजना पूरे 6 साल तक चलेगी, और इसका मकसद है – खेती की उत्पादकता बढ़ाना, किसानों की आमदनी दोगुनी करना, और उन्हें सीधे मार्केट से जोड़ना।
योजना की खास बातें – एक नजर में
स्कीम का नाम | प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) |
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शुरुआत | केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित |
लागू अवधि | 6 साल (2025-2031) |
कुल खर्च | ₹24,000 करोड़ सालाना |
टारगेट जिले | 100 पिछड़े कृषि जिले |
योजना का उद्देश्य | किसानों की आय बढ़ाना, खेती को टिकाऊ और आधुनिक बनाना |
शुरुआत कब से | अक्टूबर 2025 से रबी सीजन के साथ |
इस योजना के प्रमुख उद्देश्य
इस योजना का फोकस कुछ खास बिंदुओं पर है:
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फसल की उत्पादकता बढ़ाना: किसानों को आधुनिक बीज, मशीनरी और टेक्नोलॉजी मुहैया कराना।
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फसल विविधीकरण: सिर्फ गेहूं-धान तक सीमित नहीं, बल्कि सब्जियां, दालें, तेल बीज आदि की भी खेती को बढ़ावा देना।
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भंडारण सुविधा: पंचायत और ब्लॉक स्तर तक गोदाम बनाए जाएंगे ताकि उपज खराब न हो।
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बेहतर सिंचाई: ड्रिप, स्प्रिंकलर जैसे स्मार्ट इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा।
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सस्ता कृषि ऋण: किसानों को लोन मिलने में आसानी होगी – वो भी सस्ती ब्याज दर पर।
किन जिलों को मिलेगा फायदा?
सरकार ने कुछ क्राइटेरिया के आधार पर 100 जिले सिलेक्ट किए हैं:
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जहां की फसल पैदावार राष्ट्रीय औसत से कम है।
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फसल सघनता मध्यम है – यानि खेती योग्य जमीन का पूरा उपयोग नहीं हो रहा।
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कर्ज उपलब्धता कम है – किसान बैंकों से आसानी से लोन नहीं ले पा रहे।
हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कम से कम 1 जिला इस योजना में शामिल किया गया है। इससे हर हिस्से में बैलेंस्ड डेवलपमेंट हो पाएगा।
योजना का संचालन कैसे होगा?
इस योजना को 11 केंद्रीय मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं के समन्वय से लागू किया जाएगा – जैसे PM-KISAN, फसल बीमा योजना आदि। इसके अलावा राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी भी होगी।
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जिला स्तर पर “धन-धान्य समिति” बनाई जाएगी – जिसकी कमान जिलाधिकारी (DM) के पास होगी। इसमें प्रगतिशील किसान भी शामिल होंगे।
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डिजिटल डैशबोर्ड के जरिए हर जिले की प्रगति को 117 KPIs के माध्यम से ट्रैक किया जाएगा।
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नीति आयोग और कृषि विश्वविद्यालयों की तकनीकी मदद से हर जिले को एक्सपर्ट गाइडेंस मिलेगा।
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मल्टी-लैंग्वेज मोबाइल ऐप आएगा जिसमें किसान योजना की जानकारी और गाइडलाइन खुद देख सकेंगे।
योजना से किसानों को क्या-क्या फायदा होगा?
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आमदनी में सीधा इज़ाफा: नई तकनीक, बेहतर बीज और मशीनों से पैदावार बढ़ेगी।
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मार्केट से जुड़ाव: भंडारण और लॉजिस्टिक मजबूत होंगे तो फसल खराब नहीं होगी, और किसानों को बेहतर दाम मिलेगा।
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फाइनेंशियल सिक्योरिटी: सस्ता कर्ज और सब्सिडी से पैसों की टेंशन नहीं।
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लोकल रोजगार: डेयरी, पशुपालन, मछली पालन जैसी एग्री-बेस्ड इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा।
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क्लाइमेट-फ्रेंडली फार्मिंग: पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना खेती संभव होगी।
पात्रता (Eligibility Criteria)
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भारत का नागरिक होना जरूरी है।
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किसान के नाम पर खेती योग्य जमीन होनी चाहिए।
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चयनित 100 जिलों में किसान का निवास होना चाहिए।
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जिन किसानों को पहले से केंद्र या राज्य की योजनाओं का लाभ मिल रहा है, वो भी इसमें पात्र हैं।
जरूरी दस्तावेज
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आधार कार्ड
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भूमि दस्तावेज (जैसे खतौनी, पट्टा)
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बैंक पासबुक की कॉपी
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मोबाइल नंबर
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पासपोर्ट साइज फोटो
आयु सीमा
इस योजना के लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है। सभी छोटे और सीमांत किसान पात्र हैं।
चयन और स्वीकृति प्रक्रिया
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जिलास्तर पर बनी समिति किसानों का सर्वे और चयन करेगी।
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किसान को भौतिक रूप से या ऑनलाइन आवेदन देना होगा।
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दस्तावेज वेरिफाई होने के बाद लाभ दिया जाएगा।
आवेदन कैसे करें? (Step-by-Step Guide)
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https://agricoop.nic.in या संबंधित राज्य की कृषि विभाग वेबसाइट पर जाएं
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“प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” सेक्शन पर क्लिक करें
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रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें
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सबमिट बटन दबाएं और रसीद डाउनलोड करें
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आगे की जानकारी के लिए आपके मोबाइल पर अपडेट्स आते रहेंगे
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना उन किसानों के लिए उम्मीद की किरण है जो अब तक संसाधनों की कमी के कारण पीछे रह गए थे। इस योजना से न सिर्फ किसानों की जेब भरेगी, बल्कि देश की खेती भी तकनीकी और आर्थिक रूप से मजबूत होगी। इससे ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।
डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न सरकारी प्रेस विज्ञप्तियों, नीति आयोग और समाचार स्रोतों पर आधारित है। कृपया आवेदन करने से पहले संबंधित आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी और अपडेट चेक करें।