Nrega big news : नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता होगा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना भारत के सभी गांव में चलाई जाती है इस योजना के अंतर्गत भारत के सभी गांव में 100 दिन का रोजगार प्रत्येक व्यक्ति के हिस आता है इसी कड़ी में सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है जिसमें इस बार वृक्षारोपण किया जाएगा जैसे कि आप सब लोग जानते हैं की बरसात का मौसम शुरू हो चुका है ऐसे में सरकार हर गांव में वृक्षारोपण कार्य शुरू करने जा रही है।
सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव में 10-10 पेड़ लगाए जाएं, अच्छा वातावरण बना रहे, प्रत्येक विकासखंड में इस बार 10,000 पेड़ लगाए जाएंगे। चलिए जानते हैं कि कौन-कौन से राज्य…” संभवतः आप जानना चाहते हैं कि कौन-कौन से राज्य इस तरह के वृक्षारोपण अभियान चला रहे हैं या फिर सरकार किन राज्यों में यह लक्ष्य निर्धारित कर रही है।
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पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत पौधारोपण कार्य की शुरुआत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल हरियाली को बढ़ावा देना है, बल्कि ग्रामीणों को रोजगार का अवसर भी प्रदान करना है।
प्रखंड के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने जानकारी दी कि ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार इस वर्ष हर पंचायत में 10-10 यूनिट पौधे लगाए जाएंगे। कुल मिलाकर 9 पंचायतों में 18,000 फलदार एवं छायादार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
🌱 क्या है यूनिट योजना?
एक यूनिट के अंतर्गत 10 पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें आम, अमरूद, नींबू जैसे फलदार पेड़ और नीम, पीपल, शीशम जैसे छायादार पौधे शामिल हैं।
🌳 रामपुर पंचायत से हुई शुरुआत
सुदूरवर्ती रामपुर पंचायत में पौधारोपण कार्य की शुरुआत हो चुकी है। अन्य पंचायतों में भी यह कार्य तेजी से प्रगति पर है। कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि माह के अंत तक यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
📢 सभी पंचायतों के मुखिया व पंचायत रोजगार सेवकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि पौधारोपण को समय पर पूरा किया जाए और पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी स्थानीय स्तर पर ली जाए।
पर्यावरण भी बचेगा, रोजगार भी मिलेगा
इस योजना से जहां एक ओर ग्रामीणों को मजदूरी के रूप में रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे आने वाले वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में छाया, स्वच्छ हवा और फल-सब्जियों की उपलब्धता में वृद्धि होगी।